Emission Control System – उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली (Pollution control), PCV system chock up, Catalytic Converter kaise kam karata hai in Hindi
नमष्कार दोस्तों, apna sandesh वेब पोर्टल पर आप सभी का स्वागत है. दोस्तों आप सब देख ही रहे है वातावरण में प्रदुषण बढ़ते जा रहा है और हमारे जीवन को और अधिक खतरा होने की संभावना है. आपको पता ही है की प्रदूषण विविध कारणों से होता है और हमारी भूतल पर ऐसे अन्य संसाधनों से प्रदूषण बढ़ रहा है. उसे कैसे रोका जाए यह हम इस आर्टिकल से जानने वाले है. उम्मीद है दोस्तों आप यह लेख जरूर पढ़ना पसंद करेंगे.
Emission Control System – उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली (Pollution control)
हमारे वातावरण में सबसे ज्यादा हवाप्रदूषण होता है जिसमे हमको ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम मिलती है और ज्यादा तर पाइजन युक्त हवा मिलती है , उससे हमारे जीवन को खतरा है. तो दोस्तों हमे यह प्रदूशण रोखना है, यह प्रदुषण कैसे रोके, और कोनसे उपकरण से रोका जा सकता है हम अब जानते वाले है.
(उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली – Emission Control System, प्रदुषण कैसे control करे, वाहनों का प्रदुषण कैसे नियंत्रण होता है, प्रदुषण नियंत्रण के आसान माध्यम, emission कैसे control करे, वाहनों का प्रदुषण कैसे रोके) सब यह हम आपकी भाषा हिंदी में जानने वाले है.
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Emission Control System, प्रदुषण कैसे control करे
दोस्तों, हम यह जानने जा रहे हैं कि वाहनों से प्रदूषण कैसे होता है. इंजिन सिलेंडर में योग्य तरीके से Fuel का Ignition होने के बाद निर्माण होने वाले एग्झॉस्ट गॅस में Nitrogen N 2, कार्बनडायऑक्साइड (Carbon dioxide) को CO 2, और पानी की भाप H 2 O जैसे घटक होते है. लेकिन कुछ Technical Problem की वजह से इंजिन में Fuel जलता नहीं और कार्बन मोनोक्साइड CO , हायड्रोजन या व्हालटाइल ऑर्गनिक कॉम्पोनेंट्स VOCs और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे तीन अपायकारक घटक वातावरण में आते है व उत्सर्जन (प्रदुषण) Emission का प्रमाण बढ़ता है.
इन कारणों से Emission और बढ़ता है.
1. Air क्लीनर चोकअप
2. इंजिन अडलिंग स्पीड बराबर ना होना.
3. रिच अडलिंग मिक्स्चर
4. Chock system not working properly
5. ऑक्सलेटर पंप सर्किट और पॉवर सर्किट का काम अच्छा न होना.
6. इग्निशन टाइमिंग दिए गए टाइम पे ना होना
7. PCV system chock up होना.
8. इंजिन में Technical Problem होना। आदि ,
Emission Control System, प्रदुषण कैसे control करे
Emission की level कम करने के लिए यूरोपियन यूनियन रेग्युलेटिंग ऑर्गनाइज़ेशन (European Union Regulating Organisation) EURO, इस संस्था ने सन 1975 में कैटेलिटिक कन्व्हर्टर (Catalytic Converter or CAT) का उपयोग वाहनों के एग्झॉस्ट सिस्टम में किया है. उस समय उस स्तिथी को EURO – Ⅰ नाम से जाना गया था. धीरे धीरे उस सिस्टम में Invention होते गए और EURO – Ⅱ , EURO – Ⅲ नाम से जानने लगे. Catalytic Converter or CAT एग्झॉस्ट मनिफोल्ड के बाद एकमात्र खुले या सायलेंसर मफलर जैसे डिझाइन उपयोग में आयी.
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Catalytic Converter मुख्य दो घटको से क्रिया करता है.
◙ एग्झॉस्ट गॅस से अपायकारक घटक का विघटन क्रिया प्रणाली.
◙ ऑक्सिजन संयोग होना क्रिया प्रणाली.
इन दो क्रिया प्रणाली के आधार परCatalytic Converter में प्लाटिनम (Platinum) व पैलेडियम (Palladium) और -होडियम (Rhodium) जैसे रासायनिक क्रिया के सहाय्यक मिश्रण Catalyst धातु में उपयोग किया है.इस Costly धातु (Metal) का कम से कम इस्तेमाल हो इसलिए एग्झॉस्ट गॅस इस धातु के संपर्क में ज्यादा से ज्यादा आना चाहिए इस उदेश से सिरेमिक हनिकोम, मेटल प्लेट और सिरेमिक बिड्स इस प्रकार के रचना (जाली) उपयोगCatalytic Converter में किया होता है. सिरेमिक हनीकोम या मेटल प्लेट पर कैटलिस्ट मेटल का small level होता है. इसीको मोनोलिथिक डिझाइन (Monolithic Design) के नाम से जाता है.
उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली [Emission Control System :
Catalytic Converter में दूसरे प्रकार में पेलेटाइज्ड डिझाइन (Peletized Design) में सिरेमिक हनिकोम और सिरेमिक बिड्स पर व छोटे Hole के Size के अलग अलग level होते है. इस कैटलिस्ट व हिट रेझिस्टन्स कैटलिस्ट व्हाईब्रेशन मैट पर एक के बाद एक संख्या से अलुमिनियम का Cover स्टेनलेस स्टिल केसिंग में बिठाते है.
कंट्रोल सिस्टम :-
कण्ट्रोल सिस्टम में प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली के लिए पेट्रोल इंजिन में इलेक्ट्रॉनिक फ्यूल इंजेक्शन (EFI) या इलेक्ट्रॉनिक इमिशन कंट्रोल (EEC) सिस्टम प्रचलित है. इस सिस्टम में एग्झॉस्ट मेनीफोल्ड याCatalytic ConverterHeated Oxygen Sensor (O2 Sensor) लगाया होता है. इसीको EEC- V या Lambda Sensor कहते है. इस Sensor के माध्यम से इंजिन Computer या इंजिन कंट्रोल मॉड्यूल (ECM) से एग्झॉस्ट गॅस में Oxygen का प्रमाण बताता है. इस Sensor से मिलने वाले संदेश के माध्यम से इंजिन Computer से एअर fuel रेषो एजॉस्ट के बाद एग्झास्ट गॅस में Oxygen के प्रमाण को कम या ज्यादा किया जाता है.
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प्रदूषण नियंत्रण के लिए पेट्रोल वाहन में इस तरह सिस्टम कार्य में है.
1. Positive Crank Case Ventilation System (PCV System)
2. Exhaust Gas Recycling System (EGR System)
3. Evaluative Emission Control System (EEG System)
4. Emission Maintenance Control System (EMC System)
5. Thermostatically Control Air Cleaner System (TAC System)
6. Air Injection System (AI System)
7. Spark Timing Control System (STC System)
दिए गए कालावधि में विशिष्ट साधनो से इस सिस्टम का निरिक्षण किया जाता है.
डिझेल इंजिन Vehicle के एग्झॉस्ट गॅस में नायट्रोजन ऑक्साइड (NOx), सल्फर डाय – ऑक्साइड, व छोटे छोटे Particulate Mater (पदार्थ) का ज्यादा होता है.
प्रदूषण नियंत्रण के लिए डिझेल वाहन में इन विकल्पों का ध्यान रखे.
1. दी गई अवधि में तेल बदलें (service manual के आधार पर)
2. दिए गए कालावधि में ऑइल फ़िल्टर (Oil Filter), फ्यूल फ़िल्टर (Fuel Filter) व Air Filter आदि को बदले.
3. अच्छे Quality का ऑइल इस्तेमाल करे। Fuel Pump और Fuel Injector को दिए गए समय पर सर्विसिंग करे.
4. सर्व्हिस Manual के आधार वाहनों की नियमित सर्विसिंग करे.
5. Over Load या Over Speed पर वाहन ना चलाए.
6. Emission Level हर समय चेक करे.
उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली
भारत सरकार में 1 एप्रिल 2000 से प्रदुषण मानदंड – Emission Norms या एग्झॉस्ट गॅस में अपायकारक घटक (GLKM) के प्रमाण तय किया है। उसे (EURO – Ⅰ, Ⅱ, Ⅲ, Ⅳ) इस प्रमाण से भारत स्टेज (Bharat Stage – Ⅰ, Ⅱ, Ⅲ, Ⅳ) तहत संबोधा गया है. PUC Certificate लेते समय एग्झॉस्ट गॅस से अपायकारक गुणों का परिक्षण किया जाता है.सुधारित नियम से योग्य प्रमाण में उत्सर्जन हो तो उसे वाहन चलाने की सहमती मिलती है.
प्रिय दोस्तों हमने “Emission Control System” के बारे में जाने है. उम्मीद है की आपको यह लेख पसंद आया होगा .
धन्यवाद….
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