नमस्कार दोस्तों, आज हम “एक्यूप्रेशर का सिद्धांत क्या है – What is the principle of Acupressure” इस आर्टिकल के माध्यम से जानने वाले है, एक्यूप्रेशर का सिद्धांत क्या है [What is the principle of acupressure], एक्यूप्रेशर का उपयोग कैसे करे [How to use acupressure], एक्यूप्रेशर कैसे काम [How acupressure works, एक्यूप्रेशर सभी बिमारिओं की है दवा [Acupressureka Shidhant], एक्यूप्रेशर चिकित्सा में करियर कैसे बनाये [How to make a career in acupressure therapy], एक्यूप्रेशर का महत्व [acupressure ka mahatva].
एक्यूप्रेशर यह acupuncture के सिद्धांत के समान वैकल्पिक चिकित्सा तकनीक है. यह जीवन ऊर्जा की concept पर आधारित है जो शरीर में “meridian” से बहती है. उपचार में, इन मेरिडियन में रुकावटों को साफ करने के उद्देश्य से एक्यूपंक्चर बिंदुओं पर शारीरिक दबाव लागू किया जाता है. Acupressure यह सभी बीमारियों के इलाज के लिए उपयोगी है.
एक्यूप्रेशर Acupressure] शब्द का अर्थ दबाव है. मानवी शरीर में अन्य प्रकार के विशेष बिंदु होते है जिसपर दबाव डालकर रोगो का निवारण कर सकते है, जिसे वैज्ञानिको ने एक्यूप्रेशर नाम निश्चित किया है. इस एक्यूप्रेशर पद्धति से चमत्कारी रूप में शरीर के विशिष्ठ बिंदुओं पर दबाव देकर रोगों का निवारण किया जाता है.
Acupressure ka sidhant क्या है – What is the principle of acupressure
Acupressure ka sidhant मानवी शरीर के रोगो का उपचार शारीरिक एव भावनात्मक रूप से संगठित मानकर किया जाता है. दूसरा मुख्य sidhant है की शरीर के रक्तसंचार प्रक्रिया, स्नायु, एव ग्रंथियो का मुख्य केंद्र बिंदु हथेली एव पैरो पर विभिन्न स्थानों के बिंदु पर दबाव देकर वहां से ऊर्जा को प्रेषित कर समस्त स्नायु, ग्रंथियों को आरोग्य प्रदान किया जाता है.
असंतुलित आहार मानव शरीर में गड़बड़ी और शरीर के संबंधित नियमों के उल्लंघन का कारण बनता है, शरीर में अस्थिरता, हाथों की चरम सीमा में परिवर्तन, मांसपेशियों का द्रव्यमान धीमा, शरीर के हिस्से में रक्त परिसंचरण में कमी होने के कारण, रक्त में जमा रासायनिक तत्व, अशुद्धियों जैसे तत्व आदि जोड़ों के आसपास जमा होने लगते हैं, जिसके कारण शरीर में बीमारियाँ होने लगती हैं.
शरीर के जिन अंगो की क्रियाशीलता कम होने लगती है वैसे ही हाथ के और पैर के Acupressure पर कुछ क्रिस्टल जमा होने लगता है. जिसके कारण शरीर में रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता.
शरीर में Bio-Electricity का महत्व – Importance of Bio-Electricity in the body :
Acupressure के माध्यम से इन बिंदुओं पर दबाव देकर क्रिस्टल को नष्ट किया जाता है जिससे रक्त प्रवाह के नियमित होने पर शरीर निरोगी हो जाता है. इसके अलावा हमारे शरीर में अन्य पंच तत्व समवाय है. पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु, और आकाश इन पंच तत्व से शरीर में Bio-Electricity का संचार होता है.
जब किसी समय इन तत्वों में से किसी में भी अगर बदलाव आए तो शरीर के सम्बन्धित अंगो में रोगो ka संचार होने लगता है. अर्थात शरीर से Electricity leak होने से रोगप्रतिरोधक शक्ति कम होने लगती है. जब हम Acupressure बिंदुओं पर निश्चित समय दबाव देकर कार्य करे तो Electricity leak होना बंद हो जाती है. Electricity leakage के बंद होने से शरीर में सम्बंधित शक्ति का संचार नियमित हो जाता है और रोग दूर होने गलते है.
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शरीर में Bio-Electricity का महत्व
पारंपरिक चीनी चिकित्सा सिद्धांत विशेष रूप से तीक्ष्णता [Pungency] या एक्यूप्रेशर बिंदुओं का वर्णन करता है, जो आपके शरीर में meridian या channel के साथ स्थित हैं. ये वही ऊर्जा शिरोबिंदु और एक्यूपंक्चर हैं जो एक्यूपंक्चर के साथ Targeted होते हैं. यह माना जाता है कि इन अदृश्य चैनलों के माध्यम से महत्वपूर्ण ऊर्जा प्रवाहित होती है – या जीवन शक्ति जिसे qi (ch’i) कहा जाता है. यह भी माना जाता है कि ये 12 प्रमुख Meridian अंगों के विशिष्ट अंगों या नेटवर्क को जोड़ते हैं, आपके पूरे शरीर में संचार की एक प्रणाली का आयोजन करते हैं. Meridian आपकी उंगलियों पर शुरू होते हैं, आपके मस्तिष्क से जुड़ते हैं, और फिर एक निश्चित मेरिडियन से जुड़े अंग से जुड़ते हैं.
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Acupressure से शरीर में होने वाले बदलाव – Acupressure changes in body :
Acupressure nausea, back pain, vomiting, headache, back pain जैसी स्थितियों का इलाज करने में सहायक है, पीठ दर्द एक बच्चे के जन्म के दौरान अनुभव होगा, भावनात्मक तनाव और मानसिक आघात से लड़ रहा है. उपचार को इतना प्रभावी माना जाता है कि यह लोगों की सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने में भी मदद करता है और इसका उपयोग झुर्रियों और लोगों में बढ़ती उम्र के संकेतों को हरा सकता है.
आइए जानते है एक्यूप्रेस्सर से शरीर में कौन कौन से बदलाव आते है.
1. एक्यूप्रेशर [Acupressure] से Nervous System में होने वाले विकृतियों को दूर करने में पूर्णतः सहयोगी है.
2. एक्यूप्रेशर से पिट्यूटरी, थायरॉइड, पीनियल पेन्क्रियाज जैसे आदि ग्रंथियों के कार्यो में नियमित सुधार होने लगता है.
3. एक्यूप्रेशर से शरीर के Internal Organs सामान्य रूप से कार्य करने लगते है.
4. एक्यूप्रेशर शरीर के सभी Muscular Tissues में लचक पैदा करता है, जिससे शरीर ओर भी Strong बनता है.
5. एक्यूप्रेशर शरीर के Bones तथा महत्वपूर्ण भागो में आने वाले विकृतियों को दूर करता है.
6. एक्यूप्रेशर शरीर के ऊर्जा शक्ति को जागृत कर शरीर में स्पूर्ति पैदा करती है.
7. एक्यूप्रेशर के द्वारा शरीर में होने वाले अनावश्यक तत्वों को बाहर निकालकर आंतरिक रोग निरोधक शक्ति को पैदा करता है.
Acupressure से करे रोगो का उपचार – Treatment of diseases by Acupressure :
एक्यूप्रेशर यह एक नैसर्गिक चिकित्सा पद्धति है जिसके माध्यम से रोगो का उपचार सफलता पूर्वक किया जा सकता है. इस पद्धति से विभिन्न प्रतिबिम्ब केन्द्रो पर दबाव देकर आसानी से पता लगाया जा सकता है की शरीर के कौन कौन से अंग अपना कार्य नहीं कर रहे.
Acupressure का उपचार एक महत्वपूर्ण घटक है जो इंसानी शरीर में होने वाले रोगो को दूर करने में मदत करता है. पेट का रोग, मस्तिक का रोग, मधुमेह आदि जैसे रोगो पर एक्यूप्रेशर के माध्यम से छुटकारा पा सकते है. आयुर्वेद में बताया है किसी भी इंसानी शरीर के रोगो का निवारण करने की शक्ति शरीर के भीतर ही छुपी होती है बस उसे पहचानकर जागृत करना होता और यह कार्य एक्यूप्रेशर करता है. शरीर में निर्माण होने वाले Electricity को सही तरीके से उपयोग में लाकर Human Body को रोगो से बचाव करता है.
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Acupressure बिंदुओं की संख्या – Number of acupressure points :
चीन में डा. चु. लि. एन. द्वारा लिखित ”चेनचियु सु एह” ( Ancient acupressure ) ग्रन्थ है जिसमे एक्यूप्रेशर के बारे लिखा गया है. इस ग्रन्थ के आधार पर एक्यूप्रेशर के 669 बिंदुओं की संख्या दी गई है. तो कुछ ग्रंथो में 1000 के आस पास बिंदु दर्शाए गए है.
लेकिन वैज्ञानिको के हिसाब से प्रति दिन के प्रयोग में मुख्य रूप से 100 – 150 बिंदु ही महत्वपूर्ण माने जाते है. इस बिंदु पर दबाव देकर रोगी के रोग में सुधारना की जाती है. विज्ञान में एक्यूप्रेशर के बारे बताया गया है, जो इंसानी शरीर को प्राकर्तिक रूप से निरोगी बनाने में सक्षम है.
एक्यूप्रेशर बिंदु और प्रेशर देने का तरीका – Acupressure point and method of pressure :
A] एक्यूप्रेशर एक महत्वपूर्ण घटक है जिसे अँगुलिया, अँगूठा, प्लास्टिक अथवा लकड़ी के माध्यम से उपयुक्त रोग में सुधारना किया जा सकता है.
B] Acupressure बिंदु पर दबाव देकर हाथ एवं पैरो की रक्तवाहिकाओं में संग्रहित उपद्रव क्रिस्टल को धीरे धीरे अपने निश्चित जगह से पसीने के द्वारा शरीर के बाहर निकल जाते है.
C] एक्यूप्रेशर का उपयोग करते समय अधिक दबाव देने के लिए एक अंगूठे पर दूसरा अंगूठा रख के प्रेशर दे सकते है.
D] हर दिन की नियमावली है जिसे प्रति दिन उपयोग करना है, इसे कुछ दिन निरंतर करने से रोग पूरी तरह दूर होने लगते है.
E] एक्यूप्रेशर बिंदु पर दबाव देते वक्त ध्यान रखे, दबाव देते समय न तो बहुत कम और न तो बहुत अधिक जोर से दबाव डाले लेकिन मध्यम बल का प्रयोग करते हुए प्रेशर देना चाहिए.
F] जिस बिंदु पर दबाव देने से वह दर्द करे तो समझ लेना की उसमे कोई रोग या विकार है.
एक्यूप्रेशर कैसे करें
प्रत्येक बिंदु पर मालिश और उत्तेजित करने के लिए गहरे, दृढ़ दबाव का उपयोग करें,
एक्यूपॉइंट्स की मालिश करते समय, आरामदायक स्थिति में आराम करने की कोशिश करें, अपनी आँखें बंद करें और गहरी साँस लें,
जितनी बार चाहें मालिश करें; दिन में समय की संख्या की कोई सीमा नहीं है,
अपने आप पर इन बिंदुओं की मालिश करने के अलावा, कोई भी आपके लिए इन बिंदुओं की मालिश करने में मदद कर सकता है.
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एक्यूप्रेशर उपयोग का समय – Acupressure time of use :
Acupressure का उपयोग संभवतः खाना खाने के पहले करना चाहिए. क्युकी खाना खाते वक्त शरीर की ऊर्जा भोजन पाचन में लग जाती है. इसलिए एक्यूप्रेशर का उपयोग खाने पहले करते है. या खाने के 3 – 4 घंटे के बाद एक्यूप्रेशर का उपयोग कर सकते है. शुबह योगा करते समय एक्यूप्रेशर का प्रयोग कर सहते है. हल्का दुग्ध या फल खाने के बाद भी एक्यूप्रेशर का उपयोग किया जा सकता है.
इन दिनों मार्केट में ऐसे एक्यूप्रेशर मैट भी मौजूद हैं जिनपर सो सकते हैं. इसकी खासियत है कि इससे पूरे शरीर के ऊर्जा बिंदु सक्रिय होते हैं. सुबह के समय खाली पेट इसपर खड़े होकर यानी नंगे पैर 15-20 मिनट कदमताल करें. दिन में इसपर 5-10 मिनट के लिए खड़े हों.
Acupressure एक भारतीय विद्या है. पौराणिक ग्रंथो में इसका उल्लेख किया है. जब प्राचीन भारतीय गहरी मालिश करते थे, हाथ और पैर चेहरे तथा शरीर के कुछ सामान्य अंगो पर दबाव डालकर यह क्रिया करते थे जिसके कारण रोग दूर होने लगते थे.
भारतीय संस्कृति में स्त्री पुरुष कई सालो से अंगुलियाँ पहनते आ रहे है.
यह एक Acupressure का घटक है.
भारतीय ग्रंथो Acupressure का प्रयोग के बारे में और चिकत्सक, योग विद्या आदि के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त है.
दोस्तों यह उपचार करने से पहले किसी अच्छे चिकित्सक या योग गुरु का सुझाव ले यह ओर भी आपके शरीर के लिए फायदेमंद होगा.
conclusion
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