नमस्कार दोस्तों हम आपका APNASANDESH.COM में स्वागत करते हैं. आज हम आपको इस लेख के माध्यम से भारत के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं.
दोस्तों भारत का इतिहास काफी पुराना है, और यहाँ बड़े बड़े राजा महाराजाओ ने अपने शासन काल में अपना बहुत नाम कमाया है. कई अयसे कारनामे किये है जिसके लिए आज भी हम उन्हें किसी न किसी कारन वर्ष याद करते है, तो चलिए दोस्तों आज हम भारत के इतिहास के बारे में जानकारी लेते है.
हजारों साल पुराना भारत का इतिहास – INDIAN HISTORY :-
भारत के उत्तर दिशा के हिमालय से लेकर दक्षिण दिशा के समुद्र तक घेरा हुआ यह उपमाहद्वीप भारत वर्ष के नाम से भी जाना जाता है. जिसे हम महाकाव्य कहते है. या फिर पुरानो में इसे भारतवर्ष भी कहा गया है. इसका मतलब भरत का देश, या फिर यहाँ की जनता इसे भारती मतलब भारत की संतान भी कहा करके थे. इस समय भारत में कुछ यूनानियो ने भारत का नाम इंडिया रखा, और मध्यकालीन मुस्लिम समुदाय के इतिहास कारोके वजह से इसे हिन्द या फिर हिंदुस्तान के नाम से भी जाना जाता है.
दोस्तों हम आपको बता दे की भारत का इतिहास यह तिन भागो में बताया गया है,
➠ प्राचीन भारत.
➠ मध्यकालीन भारत.
➠ आधुनिक भारत.
प्राचीन भारत :-
भारत का सबसे पुराना प्राचीन धर्मग्रन्थ वेद है, इसकी रचना महर्षि कृष्ण द्वेपायन वेदव्यास ने की थी. वेद के भाग चार है.
➢ ऋग्वेद
➢ यजुर्वेद
➢ सामवेद
➢ अर्थवेद
रुग्वेद :-
☛ ऋग्वेद में १० मंडल और १०२८ सूक्त और १०४६२ रुचाये है उस रुचाये को पढने वाले ऋषि को होतु भी कहा जाता है.
☛ विश्वमित्र इनके द्वारा बनाये ऋग्वेद के तीसरे मंडल में सूर्य देवता सावित्री को अर्प्रित है.
☛ इसके ९ वे मंडल में सोम देवता है.
यजुर्वेद :-
☛ बलि के समय जो हम अनुपालन करते है कोई भी पाठ के लिए उसे हम यजुर्वेद कहलाते है.
सामवेद :-
☛ सामवेद को हम भारतीय संगीत का पिता या जनक भी कहते है.
☛ इसमें गायी जाने वाली गीतों का अर्थ भी छुपा है.
अर्थववेद :-
☛ इस वेद में रोग से बचने का तंत्र मंत्र, जादू टोना, शाप, वशीकरण, आशीर्वाद, प्रायश्चित, विवाह प्रेम, राजकर्म इस तरह बहुत से विषयों और विचारो पर अपनी सहमती दर्शायी गयी है.
☛ पुरानो के जनक और उनको बनाने वाले लोमहर्ष और उनके पुत्र उग्रशावा माने जाते है.
☛ पुराणों में मत्स्यपुराण सबसे पुराना और प्रमाणिक प्राचीन है.
☛ सबसे प्राचीन और शुंघ काल का ग्रन्थ मनुस्मुर्ती है.
☛ जैन धर्म का सबसे पहला इतिहास कल्पसूत्र से मिलता है, और जैन धर्म के जो साहित्य होते है, उसे आगम भी कहा जाता है.
☛ और अर्थशास्त्र के जनक या लेखक (कौटिल्य या फिर विष्णुगुप्त ) चाणक्य है, इनसे हमें मोर्य कालीन की जानकारी मिलती है.
History of thousands of years old India – INDIAN HISTORY :-
दोस्तों भारत के इतिहास में हमें कुछ जानकारी विदेशी यात्रियों से भी मिली है, जिसमे कुछ लेखक भी हुआ करते थे तो आएये इन लेखकों के बारे में भी जानकारी हासिल करते है.
यूनानी लेखक :-
☛ मेगास्थनीज :- यह यूनानी राजा सेलुकास निकेटर का राजदूत था.
☛ टेरीयास :- यह ईरान का राजवैद था.
☛ हेरोडोटस :- इसे इतिहास का पिता कहा जाता है.
☛ डाइमेकरस :- राजा बिन्दुसार के दरबार में आया था.
☛ प्लिनी :- Natural हिस्ट्री नामक पुस्तक लिखने का काम इन्होने किया था.
चीनी लेखक :-
☛ हेनसोग :- राजा हर्ष वर्धन इनके शासन काल में भारत आये थे.
☛ फाहियान :- गुप्त नरेश चन्द्रगुप्त व्द्तीय इनके दरबार में यह चीनी यात्री आये थे.
अरबी लेखक :-
☛ इब्न बतूता :- सुल्तान मोहमद बिन तुगलक ने इसे दिल्ली का काजी नियुक्त किया था.
☛ अलबरूनी :- इसने अरबी में एक किताब लिखी, यह मोहमद गजनी के साथ भारत आया था.
History of thousands of years old India – INDIAN HISTORY :-
दोस्तों कुछ जानकारी हमें पुरातत्व से मिलती है जो सबूत है की हमारे भारत में प्राचीन काल के बारे में दर्शाती है. तो आएये हम उन्हें भी देखते है.
☘ भारत में सर्वप्रथम भारतवर्ष का जिक्र हातिगुफा में मिलता है.
☘ भारत पर होने वाले उन आक्रमण की जानकारी हमें यहाँ के भीतरी स्तंब से प्राप्त होती है.
☘ प्राचीन सिक्के को आहात सिक्के भी कहा जाता है.
☘ प्राचीन सिक्को पर सर्वप्रथम लेख लिखने का काम यवन शासको ने किया था.
☘ शिकार करना ही मानव जिन्दा रहने के लिए जीविका थी.
☘ आग का अविष्कार पूरा. पाषण काल में हुआ था.
☘ पहिये का अविष्कार नव. पाषण काल में हुआ.
☘ सबसे पहले कुत्ता ही पालतू जानवर बनाया गया था.
☘ मनुष्य ने सर्वप्रथम ताम्बा धातु का ही प्रयौग किया था.
☘ मनुष्य के सबसे प्रथम औजार कुल्हाड़ी थी.
☘ खेती करने का अविष्कार का नव पाषण काल में हुआ.
☘ भारत का सबसे प्राचीन नगर मोहनजोदड़ो था.
☘ मोहनजोदड़ो को सिन्धी भाषा में मृतोको का टीला भी कहा जाता है.
☘ नर्मदा के पास सबसे पहले मनुष्य का प्रमाण मिला है.
सिन्धु सभ्यता :-
☛ सिन्धु सभ्यता की खोज रायबहादुर दयाराम सहनी ने की थी,
☛ सिन्धु सभ्यता को भारत सरकार ने कस्य युग में रखा है.
☛ सिन्धु सभ्यता को सैधाव सभ्यता भी कहा गया है,
☛ सुतकोतदा और लोथल बंदरगाह था सिन्धु सभ्यता.
☛ मोहनजोदड़ो से जो एक शील मिला है उस पर तीन मुख वाले देवता की मूर्ति मिली है,
☛ मोहनजोदड़ो से एक कस्य की मूर्ति मिली है जो नाचती अवस्था में मिली है.
☛ गेहूं और जौ , सिन्धु सभ्यता की मुख्य फसल थी.
☛ सिन्धु सभ्यता के लोग भारत की धरती को उर्वता की देवी मानकर उसकी पूजा करते थे.
☛ सिन्धु सभ्यता में मातृदेवी की उपासना सबसे जादा प्रचलित थी.
☛ कूबड़ वाला सांड ये सिन्धु सभ्यता के पशुओ में जादा प्रचलित थी.
☛ सिन्धु सभ्यता के लोग सूती और वुनि कपडो का प्रयोग जादा करते थे.
☛ लाल मिटटी के बर्तन काले रंग से आकृति बनाते थे.
☛ सिन्धु सभ्यता के लोग तलवार से वाकिफ नहीं थे.
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हसते रहे – मुस्कुराते रहे।
Author By :- Prashant Sayre Sir
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