माणिक रत्न का सच क्या है – What is the truth of ruby gem, राशि चक्र रत्न का परिचय – Introduction to Zodiac Gem, सूर्य रत्न माणिक का परिचय – Introduction to Sun Ratan Ruby, माणिक रत्न का लाभ कैसे प्राप्त करें – How to get the benefit of Manik Gems, माणिक रत्न क्या है.
नमस्कार दोस्तों, APNASANDESH.COM में आप सभी का स्वागत है. आज के इस लेख में हम आपको सूर्य रत्न माणिक के बारे में जानकारी देंगे, जो एक महत्वपूर्ण शक्तिशाली रत्न है. जिसे धारण करने से मनुष्य प्राणी के कष्ट निवारण होते है, ऐसा पुराणोंमे कहा गया है. (What is ruby gem, माणिक रत्न का इतिहास – History of Manik Ratna, माणिक रत्न की उत्पत्ति कब हुई – When Manik Ratna was born, माणिक रत्न का उपयोग कैसे करें – How to use ruby gems, माणिक रत्न पहनने की विधि – Method of wearing ruby gemstone) सभी जानकारी हिंदी में.तो आइये मित्र हो जानते है इस रत्न के बारे में.
What is the truth of ruby gem – माणिक रत्न का सच क्या है
दोस्तों रत्न सुनते ही हमारे मन में किसी बहुमूल्य वस्तु की कल्पना होती है. प्रकृती की एक ऐसी रचना जो सारे संसार को अपने प्रभाव राशियों से संचालित करती है. रत्न शब्द ही अपने आपमें एक ”अव्दितीय, विलक्षण, सबसे अलग, तीष्ण, तेजस्वी, मूल्यवान, सकारात्मक उर्जा” का स्त्रोत है. रत्न पत्थर के रूप में प्राप्त होते है, और इनकी एक अलग ही नैसर्गिक अवस्था होती है. जो व्यक्ति ज्योतिष विज्ञान में सत्यता और विश्वास रखता है, उसके लिए पुरातन वर्ष में बताये गए यह महत्वपूर्ण रत्न बहुमूल्य है. तो आइये दोस्तों जानते है सूर्य रत्न माणिक के बारे में.
सूर्य रत्न माणिक :-
मणि का प्रतिनिधित्व सूर्य द्वारा किया जाता है, माणिक रत्न भी उच्चतम गुणों से बना होता है.
मानिक रत्न यह एक खनिज पत्थर अर्थात खदान से प्राप्त किया गया एक पत्थर होता है. अफगानिस्तान, चीन, बर्मा, श्रीलंका आदि देशों से यह पत्थर प्राप्त होता है. मानिक रत्न यह ”Diamond” के बाद सबसे कठोर रत्न होता है.
माणिक रत्न के प्रकार :-
माणिक रत्न गहरे लाल रंग का होता है. यह पारदर्शी भी होता है, भिन्न भिन्न स्थानों से प्राप्त किया जाता है. इसलिए इसमे अलग अलग भेद पाए जाते है, और इसी के आधार पर इसका नाम करण भी किया जाता है.
1. Purple,
2. Kuru Windha,
3. Neel Gandini,
4. Sougastik,
5. Padam Raga
माणिक रत्न की विशेषताए/पहचान :-
1. माणिक रत्न को महीन, ठंडा, पानी और चमक से भरपूर होता है,
2. माणिक रत्न को हाथ में लेकर भारी और हल्की गर्मी महसूस कर सकते हैं,
3. माणिक रत्न को कांच के बर्तन पर रखने से उसमें से हंल्की लाल रंग निकलता है;
4. सूर्य के प्रकाश के सामने चांदी के बर्तन में माणिक रत्न रखने से लाल रंग का दिखाई देता है,
5. यदि माणिक रत्न को कमल के फूल की कली पर रखा जाए, तो वह तुरंत खिलता है,
6. यदि माणिक रतन को दूध में छोड़ दिया जाता है, तो संबंधित रत्न गुलाबी जैसा दिखता है, जिसे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है,
7. माणिक रत्न को हात में लेने से पता चलता है की और पत्थर की तुलना में अधिक भारी मालूम होता है,
माणिक का प्रयोग कैसे करे :-
1. माणिक या फिर उसके उपरत्न को धारण या किसी अन्य प्रकार से प्रयोग करने के लिए प्राण प्रतिष्टा की विधि अपनानी चाहिए.
2. धारण करने के बाद कम से कम तिन वर्षो तक परिणाम दायक बना रहता है. उसके बाद दूसरा रत्न खरीद कर उपयोग में ला सकते है.
3. दोस्तों यदि आप अपनी मर्जी से माणिक धारण करने का निर्णय करने जा रहे हो तो, सर्वप्रथम माणिक को तिन से आठ दिनों तक अपनी पॉकेट में या सोते समय सिरहाने रखे, तभी उसके शुभ-अशुभ प्रभाव का पता चल सकता है, यदि शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्तर पर सब कुछ ठीक लगे तो उसे धारण कर सकते हो, अगर इसके विपरीत यदि कुछ नकारात्मक महसूस होता है, तो किसी ज्योतिष या फिर जो माणिक रत्न से रूबरू वाकिब है उससे परामर्श ले सकते है.
4. यदि किसी भी प्रकार का कष्ट या अंधापन, मोतिया बिन्द, आँखों को पानी आना, जलन होना, लाल होना, या बार बार दाहिने नेत्र में चोट लगना या फिर किसी भी प्रकार का कष्ट होने पर माणिक धारण करते है.
5. पेट दर्द, पीठ दर्द, दिल में दर्द, या फिर हड्डियों से संभंधित किसी भी प्रकार की समस्या या तकलीफ के समय माणिक धारण करते है.
What is the truth of ruby gem – माणिक रत्न का सच क्या है
लेकिन दोस्तों पहले ही बता दिया है की यह धारण या इसका उपयोग करने से प्रथम अच्छे ज्योतिष या फिर माणिक रत्न से वाकिब व्यक्ति की सलाह जरूर ले इससे आपको यह विधि ओर भी फायदेमंद साबित होगी.
दोस्तों, उम्मीद है की आपको माणिक रत्न का सच क्या है यह आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आपको यह लेख उपयोगी लगता है, तो इस लेख को अपने दोस्तों और परिचितों के साथ ज़रूर साझा करें। और ऐसे ही रोचक लेखों से अवगत रहने के लिए हमसे जुड़े रहें और अपना ज्ञान बढ़ाएँ।
धन्यवाद
Author By :- Prashant Sayre Sir
यह भी जरुर पढ़े :-