अब सोचने वाली बात यह है की What is interest? ब्याज किसे कहते है? Loan lene ki prakriya kya hai? loan kaise len? ब्याज क्या है? ब्याज दर किसे कहते हैं? Interest kisi kahate hai? Interest की व्याख्या, उधार रक्कम क्या है? Loan k payment kaise kare? Creditor की परिभाषा क्या है? Debtor की परिभाषा क्या है? पढ़िए सभी जानकारी हिंदी में.
नमस्कार, apnasandesh.com में आप सभी का स्वागत है. दोस्तों बदलते वर्तमान युग में पैसा (Capital) मनुष्य का प्यारा साथी बन चूका है. हर क्षेत्र में विकास करने के लिए Capital की जरूरत होती है, इसलिए अपने व्यवसाय में वृद्धि के लिए व्यापारी, किसी खाजगी तथा सरकारी संस्था से Loan के रूप में पैसे लेकर अपने Business में Growth करता है.
What is interest – (Loan lene ki prakriya) ब्याज किसे कहते है?
Business और Career के लिए आय एक महत्वपूर्ण घटक है. व्यवसाय सुरु करने के लिए, व्यापार का कार्य, व्यवसाय बढ़ाने के लिए, या फिर व्यापार का विकास तथा Growth के लिए आय आवश्यक है. साधारणतः हर एक व्यक्ति को व्यवसाय करने के लिए खुद का ही पैसा Use करता पड़ता है. या फिर व्यवसाय के लिए विविध प्रकार के संस्था तथा विविध व्यक्ति से कर्जाऊ रूप से लेना पड़ता है. ऐसे स्थिति में कर्जाऊ रक्कम लेने वाले व्यक्ति को Debtor और देने वाले व्यक्ति को Creditor कहा जाता है.
जिसने भी इस प्रकार का ऋण लिया है और उसे कुछ समय के बाद ऋण के साथ Loan का भुगतान करना है. ऋण के साथ जा रही अतिरिक्त आय याने ‘Interest’ है.
यह भी पढ़े
2. Information about the claim sheet
3. What is property registration
किसी भी व्यवसाय करने के लिए Creditor द्वारा दिया गया पैसा और Debtor द्वारा अतिरिक्त दिया हुआ पैसा जिसे ”ब्याज” कहते है. ब्याज यह दिए हुए आय का मूल्य है. कर्जाऊ लिए हुए तथा दिए हुए रक्कम को Principal और उसपर लगने वाला कर (Excess income) याने ब्याज (Interest) ऐसा संबोधित किया जाता है.
✧ Amount = Principal + Interest
Method of calculation of Interest – What is interest? :-
✦ Simple interest – साधारण ब्याज,
✦ Compound Interest – चक्रवृद्धि ब्याज,
साधारण ब्याज – Simple interest :-
जब किसी Borrowed दिए हुए या फिर लिए हुए आय के मूल रक्कम पर हर साल निश्चित किए गए आय की आकारनी की जाती है, तब उस प्रकार के पद्धत को साधारण ब्याज (Simple interest) संबोधित किया जाता है.
उदा. 1000 रु. पर हर साल 10% रेट के हिसाब से 100 रु. साधारण ब्याज की आकारनी की जाती है.
साधारण ब्याज = Principal * Rate * अवधि / 100
SL = P * R * N / 100
Read More – Banking me career kaise banaye
चक्रवृद्धि ब्याज – Compound Interest :-
जब किसी प्रथम वर्ष कर्जाऊ (Borrowed) रक्कम के मूल Principal और हर एक साल के Principal + ब्याज लिए वाले आय पर निश्चित दर से ब्याज की आकारनी की जाती है, तब उसे चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest) से संबोधित किया जाता है.
उदा. 1000 रु पर 10% दर से प्रथम वर्ष 100 रु ब्याज
द्वितीय वर्ष (1000 + 100 = 1100) रु पर 110 रु ब्याज
तृतीय वर्ष (1100 + 110 = 1210) रु पर 121 रु ब्याज
इस तरह हर साल ब्याज के तथा Principal के रक्कम में बढ़ोतरी होती है, इस पद्धत में ब्याज के बढ़ोतरी के कारण इसको चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest) कहते है.
Compound Interest = Amount – Principal
अंतर का आधार (Base of difference) | साधारण ब्याज (Simple interest) | चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest) |
अर्थ (Meaning) | हर साल मूल राशि पर जो ब्याज लिया जाता है, उसे ”Simple interest” कहा जाता है. | प्रथम वर्ष के पहले वर्ष का मूलधन और ब्याज दूसरे वर्ष के लिए मूलधन होता है, उसपर आकारनी की जाने वाले Interest को Compound Interest कहा जाता है. |
मूल्यांकन Evaluation | इस पद्धत में ब्याज के मूल राशि पर कीमत लगाया जाता है. | इस पद्धत में मूलधन की राशि का चयन करके उसपर Interest लगाया जाता है. |
लाभदायक Profitable | यह विधि ऋणदाता के लिए लाभदायक है. | यह विधि धनदाता के लिए लाभदायक है. |
सरलता Ingenuity | यह विधि बहुत ही सरल, सीधी और समझने में आसान है. | यह विधि सरल नहीं है, यह सीधी और समझने में मुश्किल है. |
उत्पन्न Generated | इस विधि में ब्याज के रूप में मिलाने वाले Capital में कमी होती है. | इस विधि में Interest के ऊपर Interest Loan मिलता है इसलिए इसमें ब्याज का उत्पन्न अधिक होता है. |
What is interest – (Loan lene ki prakriya) ब्याज किसे कहते है?
दोस्तों, उम्मीद है की आपको Interest किसे कहते है? यह आर्टिकल पसंद आया होगा. यदि आपको यह लेख उपयोगी लगता है, तो इस लेख को अपने दोस्तों और परिचितों के साथ ज़रूर साझा करें और ऐसे ही रोचक लेखों से अवगत रहने के लिए हमसे जुड़े रहें और अपना ज्ञान बढ़ाएँ.
धन्यवाद…
हसते रहे – मुस्कुराते रहे…..
यह भी जरुर पढ़े :-
2. BS-4 वाहन के स्ट्रोंग फीचर्स